OSBI Penalty Fact-Check : OSBI पर पेनाल्टी की खबर misleading, DBS ने सेविंग अकाउंट पर नया AMB चार्ज लागू

OSBI Penalty Fact-Check:  पिछले दिनों “OSBI (Overdraft Saving Banking Index) पर 1 नवंबर 2025 से जुर्माना” जैसी खबरें सामने आईं, लेकिन ऐसी किसी आधिकारिक अधिसूचना का अभी तक प्रमाण नहीं मिला है। न तो नियामक संस्थाओं ने और न ही प्रमुख बैंकों ने “OSBI” नाम से किसी अलग पेनाल्टी नियम की घोषणा की है। इसलिए इस दावे को अफ़वाह मानना उचित है और वास्तविक जानकारी के लिए हमेशा आधिकारिक नोटिस पर ही भरोसा करना चाहिए। इसी अवधि में बैंकिंग क्षेत्र में नामांकन (नॉमिनेशन) से जुड़ी नई व्यवस्था प्रभावी हुई है, जिसका उद्देश्य खातेधारक के देहांत के बाद दावेदारी प्रक्रिया को साफ़ और आसान बनाना है।

OSBI Penalty Fact-Check: DBS Bank India का नया AMB नियम

OSBI नाम की किसी पेनाल्टी का आधिकारिक आधार नहीं है, लेकिन DBS Bank India ने 2025 में अपने सेविंग अकाउंट्स के औसत मासिक बैलेंस (Average Monthly Balance/AMB) नियम अपडेट किए हैं। यदि ग्राहक निर्धारित AMB—आमतौर पर 10,000 रुपये—से कम बैलेंस रखते हैं, तो कमी (शॉर्टफॉल) पर 6% तक का चार्ज लगाया जा सकता है, जिसे 500 रुपये की अधिकतम सीमा तक सीमित रखा गया है। खातों के अलग-अलग वेरिएंट में यह कैप अलग हो सकता है। ये बदलाव ग्राहकों को न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करने और बैंकिंग संचालन को संतुलित रखने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं।

OSBI Penalty Fact-Check: AMB और “6% शॉर्टफॉल चार्ज” को आसान भाषा में समझें

मासिक औसत बैलेंस पूरे महीने के दैनिक क्लोज़िंग बैलेंस का औसत होता है। मान लें आवश्यक AMB 10,000 रुपये है, मगर महीने का औसत 7,000 निकला—तो शॉर्टफॉल 3,000 हुआ। 6% शॉर्टफॉल चार्ज का अर्थ है 3,000 का 6% यानी 180 रुपये। चूँकि अधिकतम सीमा 500 रुपये है, इसलिए आपसे 180 रुपये ही वसूले जाएँगे। यदि शॉर्टफॉल अधिक हो, तब भी लागू कैप से अधिक राशि नहीं कटेगी। अपनी अकाउंट कैटेगरी के अनुसार सटीक नियम और कैप जानना हमेशा उपयोगी रहता है।

OSBI Penalty Fact-Check: क्या Bank of India या SBI ने “OSBI पर 10,000 रुपये का जुर्माना”

वर्तमान में ऐसी कोई वैध सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध नहीं है कि Bank of India या SBI ने “OSBI” नामक किसी इंडेक्स पर 10,000 रुपये का निश्चित जुर्माना 1 नवंबर 2025 से लागू किया हो। यह बात अलग है कि नियामक संस्थाएँ समय-समय पर विभिन्न उदंडताओं पर बैंकों पर मौद्रिक पेनाल्टी लगाती हैं, लेकिन उनका संबंध ग्राहकों के AMB जैसे रिटेल चार्ज से नहीं होता। इसलिए OSBI से जुड़ी तय पेनाल्टी वाली खबर को अफ़वाह समझें और अपने बैंक की आधिकारिक घोषणाओं पर ही भरोसा करें।

OSBI Penalty Fact-Check: ग्राहकों के लिए समझदारी भरे कदम

सबसे पहले अपने खाते का प्रकार (रेगुलर, सैलरी, प्रीमियम, बेसिक सेविंग्स आदि) और उससे जुड़े AMB/चार्ज नियम साफ़-साफ़ समझें, क्योंकि हर बैंक और हर अकाउंट टियर में शर्तें अलग हो सकती हैं। यदि आपके कैश-फ़्लो में उतार-चढ़ाव रहता है, तो ऑटो-ट्रांसफ़र, ऑटो-स्वीप/फ्लेक्सी एफडी, कम AMB वाले विकल्प, या अलर्ट सेटिंग्स पर विचार करें। किसी भी वायरल संदेश—जैसे “फलाँ तारीख से भारी जुर्माना” या “कई बैंक बंद”—को साझा करने से पहले आधिकारिक घोषणाओं और भरोसेमंद स्रोतों से जानकारी मिलाएँ। साथ ही नॉमिनेशन संबंधी नए नियमों के अनुसार अपने खाते, लॉकर और सेफ-कीपिंग सेवाओं में नामांकन अद्यतन रखें, ताकि आपात स्थिति में परिवार को दावेदारी प्रक्रिया सरल रहे।

निष्कर्ष

सार यह है कि “OSBI पर 1 नवंबर 2025 से 10,000 रुपये जुर्माना” का कोई आधिकारिक आधार नहीं दिखता। दूसरी ओर, DBS Bank India ने 2025 में कुछ सेविंग अकाउंट्स पर AMB शॉर्टफॉल के लिए 6% तक (कैप 500 रुपये) का चार्ज लागू/अपडेट किया है, जो बैंक-विशिष्ट शर्तों के साथ आता है और इसे सार्वभौमिक नियम नहीं माना जा सकता। ग्राहकों के लिए सबसे सुरक्षित तरीका यही है कि वे अपने बैंक की आधिकारिक सूचनाओं के अनुसार न्यूनतम बैलेंस, केवाईसी/नॉमिनेशन और चार्ज-शेड्यूल का अनुपालन रखें।

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