Interest Rate Cut Alert: 2025 में RBI ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती की है। इससे रेपो रेट 5.50% से घटकर 5.25% पर आ गया। पिछले कुछ महीनों में लगातार कटौती से होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरों पर असर दिख रहा है। EMI कम होने की उम्मीद है और नया लोन लेना पहले की तुलना में सस्ता हो रहा है।
रेपो कट के बाद कई बड़े बैंकों ने अपनी लोन दरों को घटाने का फैसला किया, जिनमें Bank of Baroda, Indian Bank, Bank of India और Karur Vysya Bank शामिल हैं।
2. 4 बड़े बैंकों के नए रेट – कितनी कमी आई?
Interest Rate Cut Alert: रेपो कट के बाद चार प्रमुख बैंकों की नई ब्याज दरें इस प्रकार हैं:
1. Bank of Baroda
पहले दर लगभग 8.15% थी, अब लगभग 7.90% हो गई।
नए रेट लागू — 6 दिसंबर 2025 से।
2. Indian Bank
पहले दर 8.20% के करीब, अब लगभग 7.95%।
नए रेट लागू — 6 दिसंबर 2025 से।
3. Bank of India
पहले लगभग 8.35%, अब लगभग 8.10%।
नए रेट लागू — 5 दिसंबर 2025 से।
4. Karur Vysya Bank
पहले दर लगभग 8.80%, अब 8.55% के आसपास।
नए रेट लागू — 6 दिसंबर 2025 से।
अन्य बड़े बैंक भी धीरे-धीरे अपनी दरें घटा रहे हैं, इसलिए आने वाले दिनों में EMI पर और राहत देखने को मिल सकती है।
3. EMI पर कितना असर? एक आसान उदाहरण
मान लीजिए:
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लोन: ₹30 लाख
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अवधि: 20 साल
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पुराना ब्याज: 8.2%
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नई दर: लगभग 7.95%
इस बदलाव से EMI में करीब ₹450-₹500 प्रति माह तक राहत मिल सकती है। सालभर में यह राहत लगभग ₹5,000 से ₹6,000 तक पहुंच सकती है। अगर लोन की रकम या अवधि बड़ी हो तो राहत और ज्यादा होती है।
छोटे पर्सनल लोन या कार लोन पर असर थोड़ा कम दिखेगा, लेकिन फायदा फिर भी होता है।
4. Repo Rate, RLLR, RBLR और EBR क्या होते हैं?
Repo Rate
यही दर है जिस पर RBI बैंकों को पैसा उधार देता है। जब ये घटती है, तो बैंक भी ग्राहकों को सस्ते लोन दे सकते हैं।
RLLR (Repo-Linked Lending Rate)
कई बैंकों की लोन दरें सीधे रेपो रेट से जुड़ी होती हैं। जैसे ही रेपो कट होता है, RLLR भी घटता है।
RBLR (Repo Based Lending Rate)
कुछ बैंक इस दर को आधार बनाकर लोन तय करते हैं।
EBR (External Benchmark Rate)
कुछ प्राइवेट बैंक रेपो या किसी अन्य बाहरी बेंचमार्क से दर जोड़ते हैं।
नतीजा – रेपो कट का मतलब अक्सर लोन की दर में कमी।
5. फायदा किसे मिलेगा?
Floating Rate Home Loan
यदि आपका होम लोन फ्लोटिंग दर पर है और रेपो से जुड़ा हुआ है, तो आपको सीधा फायदा मिलेगा। EMI कम हो सकती है या बैंक EMI वही रखकर लोन की अवधि घटा सकते हैं।
Auto और Personal Loan
अगर फ्लोटिंग रेट है, तो फायदा संभव है। नए लोन भी सस्ते मिल सकते हैं।
Fixed Rate Loan
अगर आपका लोन फिक्स्ड रेट पर है, तो बदलाव का असर नहीं पड़ेगा। ऐसे में आपको बैंक से री-प्राइसिंग या बैलेंस ट्रांसफर पर बात करनी होगी।
6. अभी क्या करें? Borrower Checklist
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अपने लोन का टाइप पता करें
क्या आपका लोन Repo-linked है या पुराना MCLR/Fixed रेट? बैंक ऐप, एग्रीमेंट या कस्टमर केयर में यह जानकारी मिल जाती है। -
Interest Reset Date देखें
रेट तुरंत नहीं बदलता, रीसेट डेट पर बदलता है — जैसे हर 3 या 6 महीने। -
बैंक से पूछें – EMI घटेगी या Tenure?
अगर कैश-फ्लो चाहिए तो EMI कम कराएं। अगर जल्दी लोन खत्म करना है तो राशि वही रखकर अवधि घटवाएं। -
अगर बैंक कम फायदा दे रहा हो
तो बैलेंस ट्रांसफर पर विचार करें। दूसरे बैंक ज्यादा आकर्षक ऑफर दे रहे हों तो शिफ्ट करना स्मार्ट कदम हो सकता है। -
नया लोन लेने वालों के लिए अच्छा समय
घर, कार या बिजनेस लोन के लिए यह समय फायदे का है। दरें अभी नीचे हैं।
7. निष्कर्ष
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रेपो रेट घटने के कारण होम, ऑटो और पर्सनल लोन पर ब्याज कम हो रहा है।
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चार बड़े बैंकों ने दरों में कटौती की, जिससे EMI में राहत मिलेगी।
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फ्लोटिंग रेट वाले ग्राहकों को सीधा फायदा दिखेगा।
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प्लानिंग के लिए अभी सबसे ज़रूरी है — अपने लोन की रेट, रीसेट डेट और EMI को समझना।
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नई दरों का फायदा नहीं मिल रहा हो तो बैलेंस ट्रांसफर पर विचार किया जा सकता है।