CBSE New Education Model 2025: CBSE (Central Board of Secondary Education) ने शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव किया है। 2025-26 से बोर्ड परीक्षाओं में AI (Artificial Intelligence) और डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा। इसका मकसद परीक्षा प्रणाली को बेहतर, तेज और पारदर्शी बनाना है। अब छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं स्कैन कर डिजिटल स्क्रीन पर जांची जाएंगी और AI टूल्स शिक्षकों की सहायता करेंगे। इससे त्रुटियां कम होंगी और परिणाम जल्दी घोषित होंगे।
यह बदलाव पूरी तरह इंसानी जांच को खत्म नहीं करता, बल्कि AI तकनीक शिक्षक के मूल्यांकन का सहायक बनेगी। साथ ही, CBSE ने साल में दो बार बोर्ड परीक्षा कराने की योजना बनाई है ताकि छात्रों पर दबाव कम हो और वे बेहतर तैयारी कर सकें। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अनुरूप है, जो शिक्षा को आधुनिक, व्यावहारिक और तकनीकी रूप से सक्षम बनाना चाहती है।
CBSE New Education Model क्या है?
CBSE ने नया शिक्षा मॉडल तैयार किया है जिसमें AI आधारित मूल्यांकन और डिजिटल परीक्षा प्रणाली शामिल है। इसका मकसद छात्रों की योग्यता और कौशल का बेहतर पता लगाना है। AI टूल्स स्कोरिंग, त्रुटि जांच और मूल्यांकन में सहायता देंगे, लेकिन अंतिम निर्णय शिक्षक का होगा।
सिलेबस में भी बदलाव किए गए हैं ताकि शिक्षा अधिक प्रायोगिक और रुचिकर हो। अब क्लास 6 से ही कोडिंग, AI और डिजाइनिंग जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे। बोर्ड परीक्षा में MCQs और कौशल आधारित प्रश्नों का वज़न बढ़ाया गया है ताकि केवल रटने वाले नहीं, बल्कि समझने वाले छात्र आगे आएं। AI का इस्तेमाल मूल्यांकन में पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
CBSE की नई परीक्षा प्रणाली से छात्रों का तनाव कम होगा, परिणाम तेजी से मिलेंगे और शिक्षक अधिक समय शिक्षण पर दे सकेंगे। परीक्षा केंद्रों पर डिजिटल अभिलेखों के कारण फर्जीवाड़ा भी कम होगा।
CBSE New Education Model का सारांश (Overview Table):
| विशेषता | विवरण |
| परीक्षा प्रणाली | AI और डिजिटल मूल्यांकन के साथ ऑन-स्क्रीन जांच |
| प्रारंभ वर्ष | 2025-26 से |
| परीक्षा की संख्या | प्रति वर्ष दो बोर्ड परीक्षाएँ (मध्य और अंतिम) |
| मूल्यांकन | AI सहायता, अंतिम निर्णय शिक्षक का |
| सिलेबस बदलाव | कौशल आधारित प्रश्न, MCQ का वज़न बढ़ा |
| नए विषय | कोडिंग, AI, डिजाइनिंग शामिल |
| पारदर्शिता | डिजिटल अभिलेख, त्रुटि जांच के लिए AI का उपयोग |
| छात्रों पर प्रभाव | तनाव कम, बेहतर प्रैक्टिकल ज्ञान, तेजी से परिणाम |
| शिक्षक की भूमिका | शिक्षक मार्गदर्शक, AI सहायक की भूमिका |
| सुरक्षा उपाय | बायोमेट्रिक, डिजिटल फिंगरप्रिंट, फेस मैचिंग |
CBSE के एग्जाम में AI का इस्तेमाल और NEP 2020
CBSE New Education Model 2025: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार, शिक्षा प्रणाली में तकनीक का समावेश और मूल्यांकन पद्धति का आधुनिकीकरण जरूरी है। CBSE ने इसी नीति के तहत AI आधारित मूल्यांकन अपनाया है। इससे छात्रों को सिर्फ रटना नहीं बल्कि समझकर सीखने पर जोर मिलेगा।
CBSE बोर्ड परीक्षाओं में MCQs और व्यावहारिक प्रश्नों का प्रतिशत बढ़ेगा। अब न केवल अंक बल्कि छात्र के कौशल और व्यवहार को भी महत्व दिया जाएगा। शिक्षक AI की मदद से छात्र की प्रगति बेहतर समझ सकेंगे। यह बदलाव शिक्षा को अधिक व्यक्तिगत और समावेशी बनाता है।
AI आधारित मूल्यांकन कैसे काम करेगा?
AI आधारित मूल्यांकन में छात्र की उत्तर पुस्तिका को स्कैन किया जाएगा। शिक्षक डिजिटल स्क्रीन पर जवाब पढ़ेंगे और AI टूल त्रुटि जांच, समानता परीक्षण, शैली जाँच और स्कोरिंग में मदद करेंगे।
- AI मूल्यांकन में सहायक होगा, लेकिन पूरी तरह से इंसान की जगह नहीं लेगा।
- इससे गलत या अधूरा मूल्यांकन कम होगा।
- मूल्यांकन प्रक्रिया तेज और पारदर्शी बनेगी।
- शिक्षक अधिक समय पढ़ाने में लगाएंगे और जांच में कम।
CBSE ने डिजिटल परीक्षा केंद्र भी स्थापित किए हैं ताकि मूल्यांकन मॉनिटरिंग के साथ बेहतर हो।
CBSE परीक्षा में AI से होने वाले फायदों की सूची
- शिक्षक की कार्यक्षमता बढ़ेगी
- छात्रों को अधिक समय मिलेगा पढ़ाई के लिए
- परीक्षा परिणाम तेजी से आएंगे
- कागजी कार्य कम होगा
- पक्षपाती मूल्यांकन घटेगा
- छात्रों का तनाव कम होगा
- शिक्षा और मूल्यांकन आधुनिक बनेगा
क्या यह बदलाव वास्तविक है या सिर्फ अफवाह?
यह बदलाव पूरी तरह से सरकारी सूत्रों से पुष्टि कर लिया गया है। CBSE ने 2024-25 से AI आधारित मूल्यांकन की शुरूआत की थी और 2025-26 से इसे विस्तार दे रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत AI और डिजिटल तकनीक को शामिल करने की योजना बनाई गई है।
सरकारी घोषणाओं और CBSE की आधिकारिक वेबसाइट ने भी इस परिवर्तन की आधिकारिक जानकारी दी है। इसलिए, यह पूरी तरह वास्तविक और आधिकारिक बदलाव है, न कि कोई अफवाह।
छात्र, शिक्षक और अभिभावकों को इस बदलाव का स्वागत करते हुए डिजिटल शिक्षा और AI आधारित मूल्यांकन के लिए तैयार रहना चाहिए। इससे शिक्षा प्रणाली में सुधार होगा और भारत की शिक्षा आधुनिक बनेगी।